टमाटर की खेती से पैसे कैसे कमाए: नमस्ते दोस्तो! अगर आप खेती से पैसा कमाने की सोच रहे हैं और कोई ऐसी फसल तलाश कर रहे हैं जिसमें कम लागत में ज्यादा मुनाफा हो, तो टमाटर की खेती आपके लिए एक बेहतरीन विकल्प हो सकता है। आज के इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि “टमाटर की खेती से पैसे कैसे कमाए” और कैसे आप ₹10,000 की लागत से ₹3 लाख तक की कमाई कर सकते हैं।
टमाटर की खेती: एक नजर में
बिंदु | जानकारी |
---|---|
फसल का नाम | टमाटर (Lycopersicon esculentum) |
मुख्य राज्य | महाराष्ट्र, बिहार, कर्नाटक, यूपी, एमपी, उड़ीसा, असम |
औसत उपज | 20-25 टन/हेक्टेयर |
संकर किस्मों से उपज | 50-60 टन/हेक्टेयर |
लागत | लगभग ₹10,000 प्रति एकड़ |
संभावित कमाई | ₹2.5 लाख से ₹3 लाख तक |
1. मिट्टी और जलवायु की ज़रूरत
टमाटर को रेतीली से लेकर दोमट मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छी जल निकासी वाली pH 6.0-7.0 वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। यह एक गर्म जलवायु की फसल है और 21°C से 24°C तापमान इसके लिए उत्तम होता है। 10°C से कम और 32°C से ज्यादा तापमान फसल को नुकसान पहुंचाता है।
2. उन्नत किस्मों का चयन
IARI किस्में:
- पूसा रोहिणी
- पूसा सदाबहार
- पूसा हाइब्रिड 4, 8
IIHR किस्में:
- अर्का विकास
- अर्का आशीष
- अर्का अभिजीत
अन्य किस्में:
- एच-24, एच-86
- सीओ-1, बीटी-12
इन किस्मों से अधिक उपज मिलती है और रोगों से लड़ने की क्षमता भी अच्छी होती है।
3. नर्सरी बेड की तैयारी और पौध लगाना
नर्सरी बेड:
- 3×0.6 मीटर के बेड बनाएं
- ऊपर गोबर खाद और बारीक रेत मिलाएं
- बीज बोने से पहले बाविस्टिन से मिट्टी का उपचार करें
पौध तैयार करना:
- 250-300 ग्राम बीज प्रति हेक्टेयर काफी होता है
- अंकुर निकलने के 4 हफ्ते बाद पौध रोपाई के लिए तैयार हो जाती है
4. रोपाई की विधि
भूमि की तैयारी:
- 4-5 बार जोताई करें
- 25 टन गोबर खाद प्रति हेक्टेयर मिलाएं
रोपाई का समय:
- रबी फसल के लिए नवंबर
- खरीफ फसल के लिए जून-जुलाई
अंतराल:
- 75-90 सेमी x 45-60 सेमी दूरी रखें
5. सिंचाई और खाद प्रबंधन
सिंचाई:
मौसम | सिंचाई अंतराल |
खरीफ | 7-8 दिन |
रबी | 10-12 दिन |
गर्मी | 5-6 दिन |
खाद और उर्वरक:
पोषक तत्व | मात्रा (kg/ha) |
नाइट्रोजन (N) | 120-180 |
फास्फोरस (P) | 80-100 |
पोटाश (K) | 50-60 |
संकर किस्मों के लिए नाइट्रोजन की तीन किस्तों में आपूर्ति करें।
6. खरपतवार और फसल चक्र
- खरपतवार नियंत्रण के लिए पेंडीमेथालिन या बेसालिन का प्रयोग करें
- टमाटर के साथ पालक, मूली, प्याज, गेंदा आदि की अंतरफसल करें
- टमाटर के बाद गेहूं, मक्का, सूरजमुखी जैसी फसलें उगाएं
7. फसल की सुरक्षा
टमाटर की फसल को फल छेदक, सफेद मक्खी, थ्रिप्स जैसे कीटों से बचाने के लिए IPM (एकीकृत कीट प्रबंधन) अपनाएं:
- नीम की खली 250 किलो प्रति हेक्टेयर
- HaNPV स्प्रे
- ट्राइकोग्रामा चिलोनिस जैसे कीट नियंत्रण एजेंट
8. स्टेकिंग (जताया) और गेंदा के साथ खेती
संकर किस्मों में फलों का भार ज्यादा होता है, इसलिए लकड़ी की डंडियों या तारों से सहारा देना जरूरी है। गेंदा की फसल साथ में लगाने से फल छेदक कीटों को आकर्षित करके टमाटर की सुरक्षा होती है।
9. कटाई और भंडारण
कटाई के चरण:
चरण | विवरण |
ब्रेकर स्टेज | फल के 1/4 हिस्से पर गुलाबी रंग |
गुलाबी अवस्था | 3/4 भाग गुलाबी |
पूर्ण परिपक्वता | पूरा फल लाल, रसदार |
- 7-11 बार में फसल की तुड़ाई की जाती है
- तुड़ाई के लिए सुबह या शाम का समय उपयुक्त होता है
10. टमाटर की खेती से कितनी कमाई हो सकती है?
विवरण | आंकड़े |
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लागत (प्रति हेक्टेयर) | ₹40,000 से ₹50,000 |
उपज | 40-60 टन (संकर किस्मों से) |
औसत बाजार मूल्य | ₹6-10 प्रति किलो |
कुल कमाई | ₹2.5 लाख से ₹5 लाख |
यदि आप एक एकड़ में खेती करते हैं और उपज अच्छी होती है, तो ₹10,000 की लागत से ₹3 लाख तक की कमाई संभव है।
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निष्कर्ष
दोस्तो, टमाटर की खेती अगर सही जानकारी, किस्म चयन और प्रबंधन के साथ की जाए तो यह कम लागत में अधिक लाभ देने वाली खेती है। आज कई किसान इसे व्यवसायिक स्तर पर कर रहे हैं और लाखों रुपए कमा रहे हैं। आप भी इसकी शुरुआत करके कृषि क्षेत्र में सफलता पा सकते हैं।
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